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उत्तरप्रदेश

अब रामपुर में दिखेगा चाकू चौक, कमिश्नर ने किया उद्घाटन

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रामपुरी चाकू के लिए विश्व भर में मशहूर रामपूर की पुरानी यादें ताज़ा हो गयी जब नैनीताल मार्ग से रामपुर आने वाले चौराहे पर विश्व का सबसे बड़ा चाकू स्थापित कर चौराहे को चाकू चौक का नाम दिया गया। इसका उद्घाटन मुरादाबाद मंडलायुक्त आंजनेय कुमार सिंह के द्वारा किया गया।

रामपुरी चाकू उद्योग का इतिहास यूँ तो रामपुर रियासत के ज़माने से है। कभी रामपुर के चाकू बाजार में सैकड़ों दुकानें हुआ करती थीं जहां से देश भर ही नही अंतरराष्ट्रीय स्तर पर रामपुरी चाकू की आपूर्ति होती थी लेकिन चीन निर्मित सस्ते चाकूओंने बजार मे रामपुरी चाकू मार्किट से बाहर हो गया साथ ही सरकार की उपेक्षा का शिकार होकर रामपुरी चाकू का यह उद्योग विलुप्ति की कगार पर आ खड़ा हुआ इस बीच रामपुर ज़िलाधिकारी रहे मुरादाबाद मंडलायुक्त आंजनेय कुमार सिंह ने इस उद्योग को पुनर्जीवित करने के लिए प्रयास किये। पीतल और स्टेनलेस स्टील से निर्मित विशव के सबसे बड़े चाकू को स्थापित कर नैनीताल आने जाने वाले पर्यटकों को रामपुरी चाकू की ओर आकर्षित कर रामपुरी चाकू उद्योग में एक बार फिर धार देने का प्रयास किया है।

चाकू चौक का निर्माण और कार्यक्रम का आयोजन रामपुर विकास प्राधिकरण द्वारा किया गया। 20 फिट लंबा और ढाई फिट चौड़ा स्टेनलेस स्टील और पीतल से। बना यह चाकू विश्व का सबसे बड़ा हस्तनिर्मित चाकू है जिसे बनाने में।52.52 लाख रुपये की लागत आयी है। ज़िलाधिकारी रामपुर रविन्द्र कुमार मानदंड ने इसके निर्माण में विशेष रुचि दिखाई और जिला प्रशासन के आला अधिकारी मौजूद रहे।

रामपुरी चाकू का लोकार्पण करने पहुंचे मंडल आयुक्त मुरादाबाद अंजनेय कुमार सिंह ने मीडिया से बात करते हुए बताया चाकू को कैरी करने के बारे में भी बहुत बार लोगों से पूछताछ होती थी तो 3 साल पहले माननीय मुख्यमंत्री जी के निर्देश में पहली बार हम लोगों ने रामपुरी चाकू को रिवाइव करने का जो प्रयास हमने शुरू किया है अब वह इस स्वरूप में आ गया है जो रामपुर के हस्तशिल्प हैं, जो कारीगर हैं वह चाकू को बेहतर तरीके से बना रहे हैं और चाकू को हमने शोमीनियर की शक्ल दी, जिसको कैरी करने में भी कोई समस्या नहीं और लोगों के लाइसेंस रिन्यूअल किए जा रहे हैं सारी सवलत सरकार की तरफ से मिल रही है और यह अब चाकू चौराहा यह अफशान है यहां के ही कारीगर हैं इन्होंने एक खाका खींचा, जिलाधिकारी रामपुर ने इस पर काम किया और इसका उद्देश्य है ताकि हमारी जो पहचान है वह पहचान बाहर रहेगी अगर लोग यहां से गुजरते हैं तो गुजरते समय उनकी नजर पड़ेगी रामपुर की जो खासियत है उसको समझ सके और यहां पर पर्यटन भी बड़े और जो हमारे यहां के कारीगर हैं उनको भी पहचान मिले और उससे भी ज्यादा आजीविका को प्रमोट करने का जो सरकार का संकल्प है उसको भी प्रदर्शित करता हुआ यह है और सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह दुनिया का सबसे बड़ा चाकू हैं जिसको हम सर्टिफाइड करने के लिए आगे भी प्रयास करेंगे।

चाकू बनाने में आपक बहुत सहयोग रहा है लेकिन उसके बाद भी कानूनी अड़चनें आती रही हैं,, इस पर मंडलायुक्त ने बताया,, जो अड़चनें आ रही हैं हम उसे धीरे-धीरे दूर करेंगे देखिए एक दिन में चाकू का खात्मा भी नहीं हुआ चाकू धीरे-धीरे खत्म हुआ और उस में बहुत ज्यादा प्रोसीजर है धीरे-धीरे हम बढ़ा रहे हैं बहुत सारी चीजें हमारे स्तर से नहीं हो सकती शासन स्तर पर हो सकती हैं उसको भी हम कर रहे हैं और सिर्फ चाकू ही क्यों जितने भी रामपुर का हस्तशिल्प है रामपुर में क्या नहीं है कलम से लेकर चाकू तक और रामपुर में वायलिन भी है, यहां पतंग भी है, यहां टोपी भी है, यहां जरी जरदोजी का भी काम है, यहां चटापटी है यहां हर चीज है जो हर इंसान की आम जिंदगी को कवर करता है इन सारी चीजों में हर एक चीज में कुछ ना कुछ दिक्कत होती है उसको हम कोशिश कर रहे हैं उन दिक्कतों को दूर कर हमारे आर्टेसिल में है उनको हम आगे बढ़ाएं और लोग इससे जुड़े जिससे रोजगार भी आगे बढ़ सके।

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