संजीव कुमार पांडेय(संवाददाता)
राजगढ़।लीज की आड़ में अवैध पत्थर खनन कोई नया मामला नहीं है। मड़िहान क्षेत्र के दर्जनभर गांवों में पत्थर खनन व परिवहन का गोरखधंधा अधिकारियों की संरक्षण में फल फूल रहा है। देवरी कला, दांती, दाढ़ीराम, मालपुर, उमरिया, पथरौर, सतेशगढ़, सरसो, सेमरी, सरसवां, हरदी, बेदौली, गोपलपुर, हड़ौरा, गोलहनपुर आदि गांव में पहाड़ों का अस्तित्व खतरे में पड़ गया है। घटना के कुछ दिनों तक शासन प्रशासन की धौंस रहती है।
कुछ दिनों बाद फिर वही ढाक के तीन पात वाली कहावत चरितार्थ होने लगती है। ओवरलोड वाहन हो अथवा पत्थर खनन में परिवहन, पोकलेन से लेकर लोडर, जेसीवी, डम्फर, ट्रैक्टर आदि सभी का रसूल बना है। सम्बंधित विभाग को महीने में मोटी रकम मिल जाती है। अवैध खनन व परिवहन से सरकार को महीने में लाखों रुपये की राजस्व क्षति होती है। जांच हो तो कई वाहन बिना कागज पत्र के फर्राटे भरते हुए मिल जाएंगे।