शान्तनु कुमार/आनंद चौबे

फाइल फोटो
सोनभद्र में सरकारी स्कूल पहले से ही शिक्षकों की कमी से जूझ रहा है, ऐसे में कोर्ट के आदेश ने शिक्षा विभाग की मुश्किलें और भी बढ़ा दी है । कोर्ट के आदेश के तहत सोनभद्र में तैनात लगभग 4 सौ टीचर गैर जनपद चले जाएंगे ।
इतनी बड़ी संख्या में टीचरों के बाहर चले जाने से कई स्कूल बंद होने की स्थिति में पहुंच गए हैं, जिसमें सबसे ज्यादा प्रभावित क्षेत्र कोन है ।
अब प्रशासन इस बात की चिंता कर रहा है कि आखिर स्कूल संचालित कैसे किया जाय । क्योंकि जिले में टीचरों के अटैचमेंट पर रोक लगी है और बिना आदेश के टीचरों को बंद विद्यालय में समायोजित नहीं किया जा सकता ।
मजे की बात तो यह हैं कि नए सत्र में किताब न आने से अब तक टीचर खुद पुरानी किताब जुगाड़ कर पढ़ा रहे थे, अब टीचरों के चले जाने से अधिकारी अध्यापकों की जुगाड़ में जुटे हुए हैं।
ऐसे में बड़ा सवाल यह हैं कि सरकारी स्कूलों का सत्र शुरू हुए लगभग तीन महीने हो गए । अब तक बच्चे सिर्फ किताबों के लिए जूझ रहे थे लेकिन अब उन्हें शायद टीचरों के लिए भी जूझना पड़ सकता है ।
शायद यही कारण हैं कि सरकार भले ही बिल्डिंगों का कायाकल्प कर दिया हो मगर आज भी अच्छे घरों के लोग अपने बच्चों को सरकारी स्कूल भेजने में अपना तौहीन समझते हैं ।